बर्फीली चादर से धूपो के याराने बन गए
पहाड़ों पर्वत से झरनों की रवानी बन गए
बातें थी वादे थे यादे सब बेमानी बन गए
रिश्ता था रूहों का, बस रुहानी बन गए
रिश्ते थे जो जिस्मानी वो फ़ानी बन गए
पर लैला और शिरी एक कहानी बन गए
कभी दीवानी राधा के कान्हा वो बन गए
तो मीरा के भजनों की ज़ुबानी वो बन गए
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