26 November 2015

बहुत हुआ - अब चलते है

बहुत हुआ, अब चलते है । 
करो दुआ, अब चलते है । 

आसमां हुआ ज़मीं ..
और ज़मीं -आसमां !
झूठ के अब पाँव हुए, 
सच हुआ-कोई दास्ताँ !
रही न वो आबो-हवा .. 
बहुत सहा-अब चलते है ।  
करो दुआ-अब चलते है । 

ख़ून,,, पानी सा हुआ ।   
पानी भी ...फ़ानी हो गया । 
नफ़रत का हर तरफ़ धुँवा .. 
साँसो में बसा हुआ ...
ज़हर बनी गई है दवा ..
इंसान इंसान न रहा । 
चलो यहाँ से - अब चलते है ।  


बहुत हुआ - अब चलते है 
करो दुआ - अब चलते है

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