कोई तो रास्तो से
उनकी भी रज़ा पूछे !
गर न मंज़र तक जाए वो
तो होगी क्या सज़ा, पूछे। .
वादों सी टूट जाए तो
दोगे क्या बददुआ, पूछे।
अंधेरो में न नज़र आये
तुम्हे हुआ है क्या , पूछे
थकी हुई इन राहों से
बटीं हुई उन राहो से
कोई पहाड़ कोई दरिया
उनके जीने की वजह, पूछे।
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