27 October 2015

कोई तो रास्तो से भी, उनकी भी रज़ा पूछे !



कोई तो रास्तो से
उनकी भी रज़ा पूछे !
गर  न मंज़र तक  जाए वो
तो होगी क्या  सज़ा, पूछे। . 

वादों सी  टूट जाए तो 
 दोगे क्या बददुआ, पूछे।
अंधेरो में न नज़र आये
 तुम्हे हुआ है  क्या , पूछे 

थकी हुई इन  राहों से 
बटीं  हुई उन राहो से 
कोई पहाड़ कोई दरिया 
उनके जीने की वजह, पूछे। 









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