1 September 2015

मैं - कोरा सफ़ा।



हर लफ्ज़ तेरा 
शेरों   की मानिंद होने लगा, 
और  हुई   मैं,  कोरा  सफ़ा। 

बाँहों को अपनी
फ़लक़ तक यूँ  पसारे हुए, 
माँगू रब से मैं तेरी  वफ़ा।

तेरे ख़यालो में है 
मरना और जीना मेरा,   
हर रोज़, हर, इक दफ़ा। 

जी लेने  दे  मुझे तू,
मरने दे मुझे तू,
हाँ, बस इक और   दफ़ा !




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