शिकन माथे पे दे गया है ,
ये वक़्त जाते जाते .......
गहरा ज़ख़्म दे गया है …
ये वक़्त जाते जाते ……
अब फिर यक़ीं न होगा
लाख चाहकर भी ,
वो शख़्स ऐसा धोख़ा
दे गया है, जाते जाते ……
एक रौशनी जलाई,
देख, रातो के काले साये
लगाई आग मेरे घर में ,
उसी शम्मा ने जाते जाते
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