8 July 2015

ख़याल अब भी आता है



मैं सोचती हूँ क्या महज़ ख़याल किसी का
प्यार बन जाता है ?
बरसो हुए तुमसे मिले मगर, तुम्हारा
ख़याल अब भी आता है 

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