9 July 2015

नीले आसमानों में, ख्वाबो की ये जो बारिश है


नीले आसमानों में, ख्वाबो की ये जो बारिश है,
ख्वाब सभी समेटु मैं, ऐसी मेरी ख्वाहिश है

कल आये थे जो मिलने तुम खयालो के दरीचों में
फिर आओ न मिलने तुम ये मेरी गुज़ारिश है

दिल भी आज रोया है पलके भीगी भीगी है
हवा भी सीली सीली है ये मौसम की ही साज़िश है

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