इश्तिहारों में
कैसी दौड़ लगी है ।
किसको कैसे लूट ले
ये होड़ लगी है ।
फैशन की देखो
फैशन की देखो
फैली महामारी ।
अंधी हो गई जिसमें
ये दुनिया सारी ।
पेप्सी और कोला में एक जंग छिड़ी है! बोलो ये जनता किसके संग खड़ी है?
वादे करते है ये
पेप्सी और कोला में एक जंग छिड़ी है! बोलो ये जनता किसके संग खड़ी है?
वादे करते है ये
भांति भांति
अपराध में ये
सब के सब है साथी
नित नया झूठ ये
बोलते है
पिटारा भानुमती का
कैसे कैसे खोलते है
विज्ञापन की कैसी
बाढ़ आई
झूठ, सच को बराबर
झाड़ आई !!
अरे गोरेपन की ये
तुम क्रीम लगा लो।
इस साबुन से तन को
तुम उजला बना लो।
KFC McDonald का
KFC McDonald का
फैला ये मकड़ जाल।
खा लिया जो पिज़्ज़ा बर्गर
हुए सब जैसे निहाल !
सुनो सुनो अरे तुम
सुनो सुनो अरे तुम
ये शैम्पू लगा लो !
horlicks पी कर तुम
ये अक्ल बढ़ा लो !!
ये पेस्ट सही है? अरे , उसमें तो नीबू नहीं है !! इसमें तो देखो नमक है डाला अब है लाइफ ये झींगालाला
मिनिटो में कीटाणु भी हो जायेंगे देखो ग़ुम ! ये क्लीनर करता है
उनसे ढिशुम ढिशुम ढिशुम !!
वो बाइक है देखो कितनी प्यारी। उस डिओ पे सारी कुड़ियाँ जाए वारी वारी !!
MNC की हो गयी देखो, चांदी चाँदी !! खर्चो ने अपनी फिर सीमाएँ लाँघी !!
ये पेस्ट सही है? अरे , उसमें तो नीबू नहीं है !! इसमें तो देखो नमक है डाला अब है लाइफ ये झींगालाला
मिनिटो में कीटाणु भी हो जायेंगे देखो ग़ुम ! ये क्लीनर करता है
उनसे ढिशुम ढिशुम ढिशुम !!
वो बाइक है देखो कितनी प्यारी। उस डिओ पे सारी कुड़ियाँ जाए वारी वारी !!
MNC की हो गयी देखो, चांदी चाँदी !! खर्चो ने अपनी फिर सीमाएँ लाँघी !!
झूठ फरेब का
ये जंगल तो देखो।
मचता रोज़ यहाँ नया,
दंगल वो देखो !!
सुनो, गौर से
अरे ओ, लुटने वालो !!
आँखों से पट्टी मोह की
तुम हटा लो !!
बस!!! और नहीं अब
हमको है सहना !!
है जागरूक हम
जागरूक ग्राहक
बनके हमें है रहना !!
7 comments:
आपकी लिखी रचना शुकवार 02 जून 2023 को साझा की गई है ,
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
सच विज्ञापनों की होड़ ने टीवी छुड़वा दिया,विचारणीय और सामयिक कविता!
सच! विज्ञापनों की होड़ ने टीवी छुड़वा दिया!
विचारणीय और सामयिक कविता
सच विज्ञापनों की होड़ ने टीवी छुड़वा दिया,विचारणीय और सामयिक कविता!
विज्ञापनों की सच्चाई को बेहतरीन तरीक़े से प्रस्तुत करते हुए जागरूकता का संदेश देती सुन्दर कृति ।
वाह…बहुत सुन्दर रचना
वाह!!!
बहुत सटीक...
जागरूक ग्राहक बनने की उत्तम सीख ।
लाजवाब ।
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