अब जब हमसे वो
रूठ गए है
तंतु सारे
सेतु सारे
अब तो
सब के सब टूट गए है
ऐसे भी कभी
हालात न आए
वादों यादों में उनकी
बात न आए
नयन बेचारे
दिन रैन निहारे
जो ख़्वाब वो सारे लूट गए है
उस मोड़ पे बैठे
ख्वाहिश के साए
उनको पुकारे
जो लौट न आए
खिड़की दीवारें
सब उनको पुकारे
वो आंगन छज्जा जो छूट गए है
अफवाहों के होते
न पैर न साएं
सच को कब तक
क्यों, कौन छिपाए
जो समय बिगाड़े
जाने कब वो संवारे
करम हमरे जो फूट गए है
अब जब हमसे वो
रूठ गए है
तंतु सारे
सेतु सारे
अब तो
सब टूट गए है
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