मुझसे मिलने
बदन में मेरे ...
सुनो ,
तुम उस रोज़
बस उस वक्त आ आना ......
तुम आ जाना जब ...
उग आए
तेरी इन आंखों में
मेरे प्यार को प्यासी
सौ सौ आंखें...
तुम आ जाना
तुम आ जाना जब ...
उग आए
मुझे छूने को मचलती
तेरे हाथों में
दसियों हज़ार
बेकरार उंगलियां...
तुम आ जाना
तुम आ जाना
जब ....
उग आए
तेरे इन होंठो पे
बुझने मेरे पानी से
कितने ही दहकते
अंगारे...
तुम आ जाना
तुम आ जाना
जब ...
उग आए
एक महक
नशीली साँसों में ...
कोई कसक रिसे
जब आहों से...
तुम आ जाना
तुम आ जाना
जब ...
जग जाए
रोम रोम में कामना
रति की कमसिन रातों की
तुम आ जाना
मैं यहीं मिलूंगी
तुझमें खिलूंगी
मैं तुझमें ढलूंगी
....
हां ...
तुम आ जाना ...
सुनो....
तुम आ जाना
~ Saanjh
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