28 April 2022

तुम आ जाना जब उग आए

 मुझसे मिलने 

 बदन  में मेरे ...

सुनो , 

तुम उस रोज़

बस उस वक्त आ  आना ......


तुम आ जाना जब ...

उग आए

तेरी इन आंखों में 

मेरे प्यार को प्यासी 

सौ सौ  आंखें...

तुम आ जाना 


तुम आ जाना जब ...

उग आए 

 मुझे छूने को मचलती 

तेरे हाथों  में 

दसियों हज़ार 

बेकरार   उंगलियां...

तुम आ जाना 


तुम आ जाना 

जब ....

उग आए 

तेरे इन   होंठो पे 

बुझने मेरे  पानी से  

कितने ही दहकते 

अंगारे...

तुम आ जाना 


तुम आ जाना   

जब ...

उग आए

एक महक 

नशीली  साँसों  में ...

कोई  कसक रिसे

जब आहों से...

तुम आ जाना 


तुम आ जाना 

जब ...

जग जाए 

रोम रोम में कामना 

रति की  कमसिन रातों की 

तुम आ जाना 


मैं यहीं मिलूंगी

तुझमें खिलूंगी 

मैं  तुझमें  ढलूंगी 

....

हां ...

तुम आ जाना ...

सुनो....

तुम आ जाना 

~ Saanjh 

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