कहानियां ....
सुनाएगा जमाना कुछ,
कहानियां ...
वक्त के धारों की,
बहते किनारों की ,
कहानियां ...
कहानियां..
जब हम मिले थे पहले
दिल धड़का हौले हौले
शोर उठा फिर मुझमें
ढूंढूं मैं खुद को तुझमें
इश्क़ ने दिल पे दस्तक दी थी
नस नस में एक हरारत सी थी
इश्क़ में .....इश्क़ ने की कितनी ...
मनमानियां ...नादानियां ...
आहों में सिमटी
आहों में लिपटी
कहानियां
तेरी मेरी कहानियां
सांसों के ताने बाने
बजते हों जैसे तराने
धड़कन की धुन पे थिरके
आंचल ये सर से ढलके
तुझमें मैं जाने कैसे खो गई
आधी थी मैं तो पूरी हो गई
जिस्म ने तेरे तन से मेरे, की कितनी
मनमानियां ... शैतानियां
शोलो में लिपटी
शोलो में झुलसी
जवानियां ...
तेरी मेरी कहानियां
कहानियां ...
कहानियां ...
Sad part ...
मेरी तेरी है कहानियां
कहानियां ...
तुम मुड़ गए क्यों हमदम
कह न सके कुछ भी हम
कब से खड़े है वहां पर
छोड़ गए थे जहां पर
आखों से धोते है, गम
गुजरे न वक्त ,न ही हम
ज़ख़्म हरे है मन में
न जान है तन में
सूने से इस तन की
टूटे से इस मन की
तन्हाइयां
मीलों तक फैली
तन्हाइयां
आंखों की जुबां से
तेरी आंखों को बुलाती है
विरानियां
वीरानियां ...
कहानियां ...
तेरी मेरी कहानियां ...
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