नींदे ज्यूँ किताबें है,
ख़्वाब ज्यूँ फ़साने है
ख़्वाब ज्यूँ फ़साने है
दोनो के भी देखो न,
कितने याराने है....
कितने याराने है....
लफ़्ज़ लफ़्ज़ लिखूँ मैं
हर्फ़ हर्फ़ जीं लूँ मैं
जीने के भी देखो न,
कितने बहाने है....
कितने बहाने है....
रात चाँद रोया था
खोया प्यार ग़ोया था
छलकें आँखो से देखो न
कितने पैमाने है ....
कितने पैमाने है ....
दीवारें क्यूँ ये बोलें ना
राज़ कोई खोलें ना
यादों के भी देखो न
कितने ताने बाने है....
कितने ताने बाने है....
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