17 February 2016

आज फिर हमने, आइना देखा


एक टूटा  हुआ,   जहाँ देखा
आज फिर हमने, आइना देखा

आँख से आँख अब मिलाये क्या
उसकी  आँखों में जब  तूफां  देखा

फिर से एक हूंक उठी, सीने में 
आज साँसों में दर्द का  धुआँ देखा 







No comments: